Wednesday, 9 October 2019

Shayari

पुराना साल सबसे हो रहा है दूर.. 
क्या करे यही हैं कुदरत का दस्तूर.. 
बीती यादें सोच कर उदास ना हो तुम.. 
करो खुशियों के साथ नए साल को मंजूर..!

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